Storage Device के बारे में तो सभी लोगो ने सुना होगा और थोड़ी सी इसकी जानकारियां भी रखते होंगे। इसके बारे में और अधिक जैसे की Storage Device क्या है यह कितने प्रकार के होते है यह कैसे कार्य करता है तथा बहुत सी जानकारियों के बारे में जाने के लिए पोस्ट को जरूर पढ़े।
अगर हम Storage Device की बात करे तो Name से ही पता चलता है यह एक प्रकार की Device (उपकरण) है | Storage Device का कार्य लगभग इसके Name से ही पता चलता है चूंकि Storage एक word Store से मिलकर बना होता है जिसका हिंदी अर्थ होता है होता है संग्रह करना। अर्थात स्टोरेज डिवाइस डाटा को संग्रहित करने वाली डिवाइस होती है।
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Storage Device क्या है ? ( What is Storage Device in Hindi)
Storage Device एक प्रकार का कंप्यूटर Hardware होता है जिसमे Data तथा Information को स्टोर करके रखा जाता है तथा जरूरत पड़ने पर पुनः इस्तेमाल में लाई जाता है। Storage device अलग अलग तरीके का हो सकता है चाहे वह कंप्यूटर या लैपटॉप के बाहर Pendrive के रूप में लगता हो या अंदर लगता हो। Storage device को अलग अलग नामों ( जैसे- Storage Media, Storage Device , Alternative Digital Storage Device) से भी जाना जाता है।
Storage device किसी कंप्यूटर या लैपटॉप का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह अलग अलग कंप्यूटर डिवाइस में स्टोर करने की क्षमता भिन्न भिन्न पाई जाती है। कंप्यूटर तथा लैपटॉप में बाह्य Storage device (Pen Drive) की अपेक्षा अधिक Data स्टोर कर सकते हैं।
जैसा कि हमने जाना की स्टोरेज क्या है इसकी परिभाषा क्या होती है। अब हम आगे जानते है इसके प्रकार के बारे में की ये कितने प्रकार के होते हैं।
Storage Device के प्रकार ( Kinds of Storage Device)-
Storage Device मुख्य रूप से 2 प्रकार की होती है-
1. Primary Storage Device
2. Secondary Storage Device
1. Primary Storage Device-
Primary Storage computer system की Main Memory होती है जो Computer System के प्राथमिक कार्य के लिए उपलब्ध कराई जाती है। इस डिवाइस को कंप्यूटर का Component कहा जाता है जिसके द्वारा डिवाइस में Data, Information तथा Program को स्टोर किया जाता है। Primary Storage Device Mostly छोटे रूप में पाए जाते हैं। तथा इनमे डाटा को स्टोर करने की क्षमता अधिक होती है तथा यह डाटा को बहुत ही तेजी से स्टोर करते है।
Primary Storage Device को 4 भागों में बांटा गया हैं-
- RAM
- ROM
- फ्लैश मेमोरी ( FLASH MEMORY)
- कैश मेमोरी ( CACHE MEMORY)
RAM-
RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है। यह एक प्रकार की Primary Storage Device होती है यह मेमोरी CPU का ही भाग होती है। यह Read and Write मेमोरी होती है इसमें डाटा Temporary Store किया जाता है। जो किसी कारण वश system के बंद हो जाने से Data Remove हो जाता है। तथा Remove हुए डाटा को दोबारा Recover नही किया जा सकता है। RAM Memory में CPU (Central Processing Unit) द्वारा किए जाने वाले कार्यों का डाटा तथा निर्देश Save होता है। RAM मेमोरी 3 प्रकार की होती है जो निम्नवत है –
• DRAM (Dynamic RAM)
• SRAM (Static RAM )
• RDRAM ( Rambus Dynamic RAM)
ROM-
ROM का पूरा नाम Read Only Memory होता है। यह भी एक Primary Storage Device ही होती है इस मेमोरी के बारे में नाम से ही पता चलता है इस मेमोरी में डाटा स्टोर करने की क्षमता RAM मेमोरी से कम होती है। कंप्यूटर में Software के रूप में कुछ डाटा Chip में स्टोर रहता है जिस डाटा को User केवल पढ़ सकता है इसमें कोई चेंज नहीं कर सकता है इसलिए इस मेमोरी को ROM यानी कि Read Only Memory कहा जाता है। इस मेमोरी में कंप्यूटर के बंद होने से डाटा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है डाटा मेमोरी में हमेशा के लिए स्टोर हो जाता है । ROM memory के भी कुछ प्रकार होते है जो की निम्न है-
•PROM (Programmable ROM)
•EPROM (Erasable Programmable ROM)
•EEPROM (Electrically Erasable Programmable ROM)
फ्लैश मेमोरी(Flash Memory)-
Flash Memory भी एक Primary storage device है। इस मेमोरी का उपयोग बहुत ही अधिक होता है क्योंकि इसकी कीमत बहुत ही कम होती है। इस मेमोरी में सेव किए डाटा को परिवर्तित नहीं कर सकते हैं। इस मेमोरी में सिस्टम के ऑफ हो जाने पर भी डाटा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता वह पहले की ही भांति सेव रहता है। Flash Memory एक प्रकार की EEPROM है। EEPROM का पूरा नाम Electrically Erasable Programmable Read Only Memory होता है।
कैश मेमोरी( Cache Memory)-
Cache Memory आकार में छोटी मेमोरी होती है तथा यह Memory सबसे तेज मेमोरी होती है क्योंकि यह CPU में लगी चिप के बहुत ही पास में लगी होती है ।कंप्यूटर से Delete किए गए Instructions Cache मेमोरी में स्टोर हो जाते हैं। तथा जब किसी user द्वारा Commands या इनपुट दिए जाते हैं तो दिए गए Commands या Input को एकत्रित करने के लिए Cache Memory का उपयोग किया जाता है। इस मेमोरी डाटा स्टोर करने की क्षमता कम होती है। यह मेमोरी RAM तथा Hard Disk की तुलना में कम स्टोरेज क्षमता वाली मेमोरी होती है।
2. Secondary Storage Device –
Secondary Storage Device किसी भी कंप्यूटर की Secondary Memory होती है। Secondary Storage Device में डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती है जिससे की इस डिवाइस में अधिक से अधिक डाटा को स्टोर करके हमेशा के लिए सुरक्षित रखा जा सकता है । इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता को आवश्यकतानुसार घटा या बढ़ा सकते हैं। Secondary Storage Device को अंतरिक मेमोरी ( Hard Disk) तथा वाह्य मेमोरी (Pen Drive) के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। इस मेमोरी में किसी कारणवश कंप्यूटर के अचानक बंद हो जाने से इसमें Store हुए डाटा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है तथा पहले जैसे ही सुरक्षित रहता है। इसमें सेव डाटा को उपयोग करने के बाद हम अपने इच्छानुसार डिलीट कर सकते हैं।
Secondary Storage Device का प्रयोग कंप्यूटर या मोबाइल में स्टोर डाटा का Backup लेने के लिए किया जाता है। तथा इस डिवाइस में सभी प्रकार के Data, Applications तथा किसी भी Programs को Computer में स्टोर किया जा सकता है जिसमें Applications, Operating Systems तथा अन्य बहुत से प्रकार का डाटा शामिल होता है ।
Example- DVD, PenDrive, Hard Disk, Memory Card, Optical Disk etc.
Secondary Storage Device के उदाहरण( Examples of Secondary Storage Device)-
DVD-
DVD का पूरा नाम Digital Versatile Disk होता है। इसका आविष्कार सन 1995 में Flipps तथा Sony द्वारा किया गया। यह आकार में गोलाकार स्टोरेज डिवाइस होती है। इसमें ज्यादा डाटा स्टोर न होकर औसत डाटा स्टोर होता है। इसमें स्टोर डाटा को वीडियो को देखने तथा ऑडियो Song सुनने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। तथा इस प्रयोग कंप्यूटर की फाइल तथा शादी में की गई वीडियो Recording को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है।
DVD Device कि Storage Capacity 4.7 GB से लेकर 18.7 GB तक होती है। DVD में CD (Compact Disk) की तुलना में अधिक storage Capacity होती है। DVD का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा Movie को देखने के लिए किया जाता था इसमें हम High Quality की 2 घंटे की movie को आसानी से स्टोर करते थे। आजकल के दिनों में DVD का प्रयोग न के बराबर ही किया जाता है। आजकल के दिनों में DVD का उपयोग कंप्यूटर में Window के रूपांतरण के लिए किया जाता है ।
Pen Drive –
Pen Drive वाह्य Storage Device के रूप में कार्य करती है इसका प्रयोग एक कंप्यूटर के Audio , Vidio या किसी अन्य फाइल को इसमें स्टोर करने के लिए किया जाता है तथा इसी Pen Drive में स्टोर डाटा को किसी अन्य कंप्यूटर में स्थानांतरित किया जा सकता है। सीधे भाषा में कहे तो Pen Drive का प्रयोग किसी भी File या Folder , Audio या Video को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में भेजने के लिए किया जाता है।
Pendrive एक Portable Device होती है जिसका हिंदी अर्थ होता है रूपांतरण। अर्थात Pendrive में स्टोर किए गए डाटा को आप एक स्थान से दूसरे स्थान ले जा सकते है तथा प्रयोग में ला सकते हैं।
Hard Disk –
Hard Disk आंतरिक Storage Device के रूप में कार्य करती है तथा Hard Disk सबसे ज्यादा प्रयोग में लाई जाने वाली Storage Device है। इस डिवाइस के चारो तरह एल्यूमिनियम की परत लगी होती है जिससे यह सुरक्षित भी रहती है इस डिवाइस की Storage Capacity लगभग 80 GB होती है यह सभी कंप्यूटर या लैपटॉप के अंदर स्थित होती है। किसी भी सिस्टम में सेव किया गया डाटा उस सिस्टम में लगी Hard Disk में ही स्टोर होता है। इसमें सेव किया गया डाटा हमेशा के लिए सेव हो जाता है। सबसे पहला Hard Disk IBM कंपनी द्वारा तैयार किया गया था।
Memory Card –
Memory Card भी डाटा स्टोरेज डिवाइस होती है।इसे Pen Drive की छोटी इकाई कहाजा सकता है इसे Alternative Flash Memory Card भी कहा जाता है। तथा यह भी एक Portable Device होती है इसका उपयोग फोटो, वीडियो, मूवी , गेम आदि को स्टोर करने के लिए किया जाता है। Memory Card आकार में छोटी होती है Memory Card का उपयोग Digital Cameras, Mobile Phone, Audio play speaker आदि में किया जाता है।
Optical Disk-
Optical Disk आकार में पतली तथा गोल होती है यह एक storage device है ।जो डाटा को डिजिटल स्टोर करती है इसमें डाटा स्टोर करने की capacity बहुत ही कम होती है तथा इसमें स्टोर किया गया डाटा को आप लंबे समय तक रखा जा सकता है। यह Disk Polycarbonate से बनी होती है।
Secondary Storage Device के लाभ( Advantages of Secondary Storage Device)-
Primary Storage Device की तुलना में Secondary Storage Device के बहुत से लाभ हैं –
- Secondary Storage Device जो है वो Primary Storage Device की तुलना में कम पावर में भी अधिक तेजी से कार्य करती है।
- Secondary Storage Device में डाटा को Permanent के लिए स्टोर हो जाता है। इसको हम अपनी इच्छानुसार कभी भी प्रयोग में ला सकते है। तथा Delete या संशोधन (Correction) कर सकते हैं।
- Secondary Storage Device Primary Storage Device की तुलना में कम कीमत के मिलते हैं।
- Secondary Storage Device किसी भी डाटा, प्रोगाम या Information को अधिक तेजी से स्टोर करता है।
- Secondary Storage Device में स्टोर डाटा को डिलीट करके पुनः उपयोग में लाया जा सकता है।
जैसा कि हम लोगों ने अभी तक Storage Device के बारे में जानकारी प्राप्त की। कि स्टोरेज डिवाइस क्या है इसके प्रकार क्या है Primary Storage Device तथा secondary Storage Device क्या है? तथा Secondary Memory के उदाहरण के बारे में भी जाना अब हम आगे कंप्यूटर की स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण के बारे में जानेंगे।
कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण (Computer Storage Device Examples)-
Computer Storage Device के बहुत से उदाहरण है जिनमे से कुछ नियम है-
1. Magnetic Storage Device-
Magnetic Storage device डाटा को एक्सेस करने के लिए Magnetization Process का प्रयोग करता है। यह कंप्यूटर की प्राइमरी स्टोरेज के रूप में प्रयोग की जाती है।
SSDs( Solid State Drive)
HDDs ( Hard Disk Drive)
Super Disk
Magnetic Strip
Floppy Disk
2. Optical Storage Device-
Optical Device एक पोर्टेबल डिवाइस होती है तथा इसको सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस के रूप में कार्य करती है यह Storage Device Magnetic Storage device से बड़ी होती है तथा ज्यादा मात्रा में डाटा को स्टोर करती है ।
CD Disk
CD ROM Disk
Blu Ray Disk
3. Cloud Storage Device-
किसी भी डाटा को जब आप ऑनलाइन किसी Drive में स्टोर करते है तो वह Cloud storage ke अंतर्गत आता है। इस प्रकार के डाटा को आप कही भी और कभी भी किसी दुसरे के सिस्टम में ओपन करके प्रयोग में ला सकते हैं।
Cloud storage Device अन्य सभी Storage Device से ज्यादा अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें स्टोर डाटा का प्रयोग कही भी कभी भी कर सकते हैं।
Cloud Storage
Network Media
4. Paper Storage Device–
Paper Storage Device का प्रयोग अब बहुत कम ही किया जाता है क्योंकि बढ़ती टेक्नोलॉजी के द्वारा डाटा को स्टोर करने के लिए बहुत सी स्टोरेज डिवाइस उपलब्ध है। कंप्यूटर के शुरुवाती दौर टेक्नोलॉजी के अभाव से Paper Storage Device का प्रयोग बहुत अधिक किया जाता था।
Punch Sheet
OMR
Storage Device का महत्व-
बात करें स्टोरेज डिवाइस के महत्व के बारे में तो इसका आधुनिक जीवन में बहुत अधिक महत्व है आजकल के लगभग सभी कार्यों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है। तथा ज्यादातर सभी उपकरणों में Storage Device का प्रयोग किया जाता है। किसी भी दफ्तरों , बैंकों , शिक्षा संस्थानों आदि में लेख जोखा रखने के लिए डाटा सेव किया जाता है जोकि कंप्यूटर में लगी Storage Device में स्टोर हो जाता है।
Computer मेमोरी की यूनिट ( Computer Memory Unit) –
Name Size
1 Bit Single Digit 0 or1
1 Nibble. 4 Bits
1 Byte 8 Bits
1 KB ( Kilobyte) 1024 Nuts
1 MB (Megabyte) 1024 KB
1 GB ( Gigabyte) 1024 MB
1 TB ( Terabyte) 1024 GB
1 PB ( Petabyte ) 1024 TB
1 EB (Exabyte) 1024 PB
1 ZB (Zettabyte) 1024 EB
1 YB (Totta byte) 1024 ZB
1BB (Brontobyte) 1024 YB
1 Geop Byte 1024 BB
एक नजर इधर भी –
दोस्तों इस लेख में हमने आपको Storage Device क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं इन सभी के बारे में विस्तार से बात की है।
अगर आपको किसी भी प्रकार सुझाव देना है तो हमें कमेंट करें हम उस पर जरूर विचार करेंगे । हमारे लेख को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद कृपया इस लेख को आप अपने दोस्त , परिवार और अन्य सम्बन्धियों को भी शेयर करें ताकि हमें प्रोत्साहन मिल सके।