नम्बी नारायणन – एक निर्दोष वैज्ञानिक पढ़ें पूरी जानकारी |

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नम्बी नारायण (Nambi Narayanan Story ) का नाम अपने कभी न कभी सायद सुना हो लेकिन इनके बारे में कुछ बातें जो आप बिल्कुल भी नही जानते होंगे। दरअसल बात यह कि या भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान ISRO में एक वैज्ञानिक के रूप में काम करते थे लेकिन इनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसे आपको जानना ही चाहिए । इनसे जुड़े सभी प्रकार से जरूरी तथ्य आपको इस लेख के माध्यम से पता चल जाएंगे आप इस लेख को पूरा पढ़ें ।

Name Nambi Narayanan
Date Of Birth12 December 1941
WifeMeena Nambi
SonSankara Kumar Narayanan
DaughterGeetha Arunan
EducationThiagarajar College of Engineering College of Engineering Trivandrum
NationalityIndian
AwardsPadma Bhushan

नम्बी नारायणन कौन हैं ?(Who is Nambi Narayanan)

भारत में बहुत से ऐसे वैज्ञानिक हुए हैं जिनके कारनामे बहुत ही बड़े बड़े थे लेकिन वो किसी कारण से कभी लोगों के सामने नही आ पाए । ऐसे ही नम्बी नारायणन एक ऐसे भारतीय वैज्ञानिक और अंतरिक्षयान के इंजीनियर हैं । ये भारत के सबसे बड़े अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक बड़े पद के अधिकारी के रूप में थे जोकि क्रायोजेनिक विभाग के प्रभारी के में कार्यरत थे । 

नम्बी नारायणन का जन्म एक सामान्य वर्ग परिवार में 12 दिसंबर 1941 को तमिल नाडु से कन्याकुमारी जिले में हुआ था । इन्होंने (nambi narayanan education) अपनी Schooling DVD Higher Secondary School से की थी ।  

नम्बी नारायणन परिवार (Nambi Narayanan family )

नम्बी नारायणन एक सामान्य हिन्दू परिवार से सम्बंधित हैं इनके पिता का देहांत तब हो गया था जब ये अपनी स्नातक की डिग्री कर रहे थे । इनकी दो बहनें थी । इन्होंने मीना नम्बी के साथ शादी की । इनके एक बेटा जिसका नाम संकरा कुमार नारायणन और एक बेटी जिसका नाम गीता अरुणन । 

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नम्बी नारायणन का कैरियर ( Nambi Narayanan Career )

नम्बी नारायणन ने अपना कैरियर भारत के अंतरिक्ष कार्यों को आगे बढ़ाने में लगाया । इन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिग Award पद्म भूषण से सम्मानित किया गया । ISRO के अध्यक्ष विक्रम साराभाई से इनकी मुलाकात थिम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन थुम्बा , तिरुअनंतपुरम में 1966 मे हुई । इसके बाद इन्होंने वहीं एक पेलोड इंटेगटर के रूप में कार्य किया। उस समय Space Science और Technology Center के चेयरमैन थे विक्रम साराभाई । भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में आगे बढ़ाने के लिए इन्होंने बहुत ही होनहार लोगों को चुना । 

इसके चलते नम्बी नारायणन ने अपनी उच्च शिक्षा के लिए तिरुअनंतपुरम के इंजीनियरिंग कॉलेज में M.Tech में एडमिशन लिया । साराभाई ने इन्हें आगे की पढ़ाई के लिए छूट दी । इनकी पढ़ाई के चलते हुए इनको अमेरिका के अंतरिक्ष अनुसंधान NASA की फेलोशिप मिली और 1969 में प्रिंसटन विश्वविद्यालय इन्होंने प्रवेश लिया। 

इन्होंने अमेरिका में 10 महीने का रासायनिक रॉकेट प्रणोदन को सीखा। पहले भारत में रॉकेट में ठोस ईंधनों का उपयोग किया जाता था लेकिन Nambi Narayanan ने रॉकेट का तरल ईंधन बनाना सीख लिया था उसके बाद ये भारत आये और 1970 में तरल ईंधन रॉकेट प्रौद्योगिकी की शुरुआत की । इन्होंने भविष्य में उपयोगी तरल ईंधन वाले रॉकेट इंजनों का निर्माण किया । उसके बाद कई ऐसे सैटेलाइट को बनाया गया जिनमें तरल ईंधन का उपयोग करके अंतरिक्ष में भेजा जा सके । यह इनके और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए एक बहुत बड़ी कामयाबी के तौर पर थी ।

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नम्बी नारायणन के साथ क्या हुआ था (What happened to Nambi Narayanan)

यह एक भारतीय वैज्ञानिक होते हुए एक एयरोस्पेस के इंजीनियर भी थे लेकिन इन पर 1994 में कुछ झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाकर इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया ।

दरसअल हुआ ये था कि 1994 में मरियम राशिदा नाम की एक महिला को मालदीव से गिरफ्तार किया गया जिसके ऊपर भारत के क्रोयोजेनिक इंजन की ड्रॉइंग की जानकारी पाकिस्तान को देने का आरोप था । 

इतना ही साथ ही साथ इसी आरोप की वजह से नम्बी नारायणन जोकि क्रोयजनिक प्रोजेक्ट डिरेक्टर थे उनके साथ दो वैज्ञानिकों डी शाषिकुमारण और ड्युपुटी डायरेक्टर चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया।इसके अलावा रूसी स्पेस एजेंसी का एक भारतीय प्रतिनिधि एस के शर्मा, एक लेबर कॉन्ट्रैक्टर और राशिदा की मालदीव की दोस्त फौजिया हसन को भी गिरफ्तार कर लिया गया था ।

इसके बाद 1996 में CBI जांच के मुताबिक नम्बी नारायणन और उनके साथियों पर लगाए गए आरोप झूठे साबित हुए और सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें रिहाई का आदेश दे दिया । 1998 में केरल सरकार ने इस केस की जाँच करने के लिए फिर अर्जी लगाई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया । 

1999 में नम्बी नारायणन ने अपने मान हानि के मुआवजे के लिए याचिका दी। उसके राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केरल सरकार को इनके हुए समय और भी कई नुकसान के लिए भरपाई का आदेश दिया । इसके बाद हाई कोर्ट ने इन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया ।

ISRO वैज्ञानिक नम्बी नारायणन का बहुत ही ज्यादा उत्पीड़न हुआ जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें 50 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया ।

नम्बी नारायणन पर बनी फिल्म (Nambi Narayanan movie release date)

नम्बी नारायणन फ़िल्म का नाम – Rocktery है जोकि एक बियोग्राफिक फ़िल्म है। Nambi Narayanan movie release date-2021 अभी तक इसकी कोई फिक्स डेट क्लियर नही हुई लेकिन कहा जा रहा है कि इसे दिसंबर 2021 तक रिलीज करने की पूरी तैयारी है। हालाँकि का ट्रेलर 1 अप्रैल 2021 को 6 भाषाओं में निकाला गया है।

नम्बी नारायणन सम्पर्क सूत्र (Nambi Narayanan contact details)-Unknown

दोस्तों आज के इस लेख में हमने नम्बी नारायणन ISRO वैज्ञानिक जिनके बारे में हमनें समस्त जानकारी देने की कोशिस की है ।

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Pankaj Yadav
Pankaj Yadavhttp://hinditarget.com
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