अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी(Atal Bihari Vajpayee Biography in hindi)-

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अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी(Atal Bihari Vajpayee Biography in hindi)-

Atal Bihari Vajpayee Biography in hindi अटल बिहारी वाजपेयी जीवनी-

 दोस्तो क्या आप सभी को पता है कि अटल बिहारी कौन है और कहा के हैं। तो चलिए जानते हैं।वाजपेयी ने अपनी आखिरी सांस (16 August 2018) AIIMS अस्पताल 5:5 PM को ली। 93 बहुमुखी प्रधानमंत्री वर्षीय अटल बिहारी वाजपेयी ने हमें 26 अगस्त 2018 को छोड़ दिया।इनकी मृत्यु के बाद 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई थी।

अटल बिहारी एक बहुत ही उदार किस्म के व्यक्ति थे और यह भारतीय राजनीति में पिछले 50 वर्षों तक सक्रिय रहे।

अटल जी जब राजनीति करते थे तो यह अपनी राजनीति के सबसे आदर्शवादी और एक सच्चे नेता थे।इनके जैसा नेता होना पूरे देश के लिए गौरवपूर्ण बात है।इनके कामों की वजह से यह आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं।आप सभी को बता दे कि अगर जवाहरलाल नेहरू के बाद कोई तीन बार प्रधानमंत्री बना है तो वो अटल जी हैं।अटल जी पिछले 5 दशकों से संसद रहे।और आपको बता दे कि ये इकलौते वो राजनेता हैं जो 4 अलग -अलग प्रदेशों से सांसद चुने गए हैं।

और आप को बता दे कि अटल बिहारी भारत के आजाद होने से पहले ही राजनीति में गए थे,और इन्होंने गांधी जी के साथ भारत छोड़ो आन्दोल में भाग लिए और कई बार जेल की यात्राएं भी कर हुए हैं।

दोस्तों क्या आप सभी जानते हो कि अटल जी बहुत ही अच्छे कवि भी थे।  जो राजनीति पर भी अपनी कविता व्यंग करते हुए सबको आश्चर्यजनक करते रहें,और अटल जी की बहुत सी रचनाएं पब्लिश भी होती रही जिन्हें आज भी लोग पढ़ते हैं।

अटल बिहारी को अपनी मातृ भाषा हिंदी से बेहद प्रेम था।अटल जी पहले राजनेता बने,और फिर उन्होंने यू एन जरनल  असेंबली में हिंदी भाषण  दिया था।अटल बिहारी वाजपेयी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने थे तो सिर्फ 13 दिनों के लिए बने थे और जब अगले साल के साल फिर जब बने तो भी उ का सफर सिर्फ एक साल के लिए रहा,और जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो यह उनका सफर पूरा 5 साल तक चला और यह सफर बहुत ही सफल रहा।

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी(Atal Bihari Vajpayee biography in hindi)-

क्रमांकजीवन परिचय        बिंदु  अटल बिहारी जीवन परिचय
  1.    पूरा नाम  अटल बिहारी वाजपेयी
    2.      जन्म  25 दिसम्बर 1924
    3.        मृत्यु  16 अगस्त 2018
    4.  जन्म स्थान   ग्वालियर ,मध्यप्रदेश
    5.  माता-पिता कृष्णा देवी,कृष्णा बिहारी बाजपेयी
  
  6.
    
     अवर्ड
  1992 पद्मभूषण   1994 लोकमान्य तिलक        अवर्ड   1994- बेस्ट सांसदअवर्ड   1994 – पंडित गोविंद               वल्लभ पन्त अवर्ड              2014 में भारत रत्न 

अटल बिहारी वाजपेयी बचपन व प्राम्भिक जीवन(Atal Bihari Vajpayee Personal Life in hindi)-

दोस्तो अब आप सभी अटल बिहारी के प्रराम्भिक जीवन के बारे में जानेंगे।जानते हो अटल बिहारी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में एक मध्यम वर्ग में हुआ था।अटल जी के 7 भाई और  बहन थे।अटल बिहारी के पिता कृष्णा बिहारी स्कूल टीचर व कवि भी थे।बिहारी अपनी प्रराम्भिक शिक्षा सरस्वती स्कूल से करने के बाद अटल जी अपना ग्रेजुएशन लक्ष्मीबाई कॉलेज से किया।इसके बाद बिहारी जी कानपुर के DAVV कॉलेज से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। फिर उन्होंने आगे पढ़ने के लिए लखनऊ में आवेदन भी किया। लेकिन फिर उनका आगे पढ़ाई में मन नही लगा और से आरएसएस द्वारा पब्लिश में मैगनीज में एडिटर का काम करने लगे। इसलिए अटल जी को एक बहुत अच्छे पत्रकार, राजनेता और कवि के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपनी कभी शादी नही की। लेकिन आप जानते हो उन्होंने B N  कॉल की 2 बेटियों नंदिता और नमिता को गोद लिया था।अटल बिहारी एक सच्चे देशभक्त थे। वे अपनी पढ़ाई करते हुए भी ये देश की लड़ाई में बड़े नेताओं के साथ खड़े रहे और वे उस समय बहुत से हिंदी न्यूज के एडिटर रहे।

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अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिक सफर(Atal Bihari Vajpayee Political Life in hindi)-

दोस्तों क्या आप सभी जानते हैं कि अटल बिहारी का राजनीतिक सफर कैसा था। तो चलिए जानते हैं। अटल बिहारी जी का राजनीतिक सफर स्वतंत्रता संग्राम के रूप में शुरू हुआ था और 1942 में उन्होंने सभी के साथ मिलकर भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और कई बार जेल भी गए।इसी दौरान उनकी मुलाकात एक ऐसे भातीय जनसंघ के लीडर से हुई जिनका नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी था और वे मुखर्जी से दावा पेंच सीखे।आपको पता मुखर्जी की का स्वस्थ खराब रहता था और जल्दी ही उनको मौत हो गई।उनके अटल जी ने जनसंघ की पूरी बागडोर संभाल ली और इसका विस्तार पूरे देश में किया।

तो चलिए जानते हैं-

  •  1954 में उन्होंने  बलरामपुर से ने मेम्बर ऑफ़ पार्लियामेंट चुने गए।अटल जी की समझदारी और सोच के कारण उन्हें राजनीति में काफी सम्मान मिला।
  • और 1968 में दीनदयाल  उपाध्य की मृत्यु के बाद अटल जी राष्ट्र संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए।इसके बाद अटल जी कुछ सालों तक नानाजी देसाई,बलराज मघ्होक व लाल कृष्णा आडवानी के साथ मिलकर जनसंघ पार्टी को भारतीय राजनीति में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत की।
  • और आपको पता है उन्होंने 1977 में भारतीय लोकल के साथ गठबंधन कर लिया।जिसको जनता पार्टी नाम दिया गया।और यह पार्टी बहुत जल्दी आगे बढ़ी और लोकल चुनाव में उसे सफलता प्राप्त हुई।इसके बाद जनता पार्टी के लीडर मोरार जी देसाई जब प्रधानमंत्री बने और सत्ता में आये तब तक अटल जी को एक्सटर्नल अफेयर मिनिस्टर बनाया गया और इसी की वजह से चाइना और पाकिस्तान दोनी दौरे में आ गए,जहां से उन्होंने इस देशों से भारत के सम्बंध को सुधारने का प्रस्ताव रखा।
  • और आपको पता है जब 1979 में मोरारजी की प्रधानमंत्री के पद से जब इस्तीफा दे दिए तो जनता पार्टी भी बिखरने लगी ।फिर अटल जी ने 1980 में लाल कृष्ण आडवानी के व  भैरव सिंह शेखावत के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी (BPL)  बनाई, और पार्टी के पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। अटल जी अगले पांच वर्षों तक अध्यक्ष रहे।

अटल बिहारी वाजपेयी का प्रधानमंत्री बनने का सफर-

  • आपको बता दे कि 1996 में हुए चुनाव में बीजेपी एक अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी और 1996 में बीजेपी को जीत मिली और अटल जी को प्रधानमंत्री के पद के लिए चुन लिया गया। लेकिन जो बीजेपी थी उसको दूसरी पार्टी के लिए सपोर्ट नही मिला।जिसकी वजह से विजेपी सरकार गिर गई और 13 दिनों में ही अटल जी को पद से इस्तीफा देना पड़ा।
  • जानते हो 1996 से 1998 के बीच दो बार सरकार बनी पर सपोर्ट न मिलने की वजह से वो भी गिर गई। और फिर इसके बाद विजेपी ने दूसरे पार्टियों के साथ मिलकर नेशनल डोमेस्टिक पार्टी (NDA)  का गठन किया ।और दूसरी बार विजेपी फिर आई पर इस बार इसकी सरकार 13 महीनों के लिए रही।अन्ना द्रविदा मुंनेत्रा ने अपना स्पोर्ट वापस ले लिया।
  • और उसने NDA  को फिर से मजबूत किया और चुनाव के लिए खड़े हो गए।कारगिल के जीत से भारतवासी बहुत प्रभावित हुए और फिर से विजेपी को जीता दिया। जिससे कि अटल बिहारी तीसरी बार बाजेपी की कुर्सी पर बैठे।
  • और इस बार इन्होंने पूरे 5 साल पूरे किए थे।और पहली नान कांग्रेस पार्टी बनी।तब सभी पार्टियों की सापोर्ट से अटल बिहारी ने यह निर्णय लिया कि वो आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़ाएंगे।और इनकी योजनाए सफल रही।
  • और अटल जी ने विदेश में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा दिया।ओर आईटी सेक्टर के लिए लोगो को जागरूक किया और2000 में अमेरिका के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत के दौरे में आये थे। तभी इस दौरे से दोनों के देश की प्रगति और रिश्ते पर बहुत प्रभाव पड़ा।
  • लेकिन 2001 में अटल बिहारी जी ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भारत आने का न्योता भेजा।क्योंकि वो चाहते कि भारत के पाक रिश्ते में सुधार हो।और आगरा में ये वार्ता आज भी याद है।इन सबके बाद लाहौर में बस शुरू हुई। जिसमे अटल जी खुद सफर किया था।लेकिन उनकी ये सफल नही रही। फिर अटल जी ने तुरन्त पब्लिश में बदलाव नही किया इस बात को जनता ने बहुत सहारा।
  • और अटल जी ने 2001 में सर्व शिक्षा अभियान की शुआत की।
  • और आर्थिक सुधार के लिए अटल जी बहुत सी योजनाए बनाई  ,फिर इसके बाद इन्होंने  6-7%ग्रोथ रिकॉर्ड किये और इसी समय भारत का नाम पूरी दुनिया मे जाना जाने लगा।
  • 2004 में कांग्रेस के जीते जाने के बाद अटल जी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
  • और 2005 में अटल बिहारी जी ने राजनीति से रिटेलमेंट की बात घोषित कर दी और फिर 2009 में हुए चुनाव में हिस्सा भी नही लिये।

बड़े मुख्य काम-

अब आप सभी को इनके बड़े कामो के बारे में बताएंगे जिनसे आप सभी लोग अनजान हैं। तो चलिए जानते हैं।

  • सत्ता में आने के बाद एक साल बाद अटल जी उनकी सरकार ने मई 1998 में राजस्थान के पोरख में 5 अंडरग्राउंड व्यूनियन का सफल टेस्ट किया।परीक्षण पूरी तरह सफल होने पर इसकी चर्चा देश विदेशों में रही ।
  • और अटल जी द्वारा शूरु किये गए नेशनल हाइवे  डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (NDAP) प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) उनके दिल के बेहद करीब थी ,और वे इसका काम खुद देखते थे।NHDP के द्वारा उन्होंने चार मुख्य शहर मुंबई, दिल्ली,कोलकाता और चेन्नई को जोड़ने का काम किया।PMHSYके द्वारा पूरे भारत को अच्छी सड़के मिली।जो छोटे से छोटे शहर को जोड़ती हैं।
  • कारगिल युद्ध व आतंकवादी हमले के दौरान के द्वारा निर्णय लेते रहे।उनकी लीडरशिप व कूटनीति ने सबको प्रभावित किया जिससे उनकी छवि अबके सामने उबर आई।

अटल बिहारी वाजपेयी अवर्ड व अचिवेंट्स –

  • अच्छे कार्य के कारण अटल जी को 1992 में पद्मभूषण का अवर्ड मिला।
  • 1994 में उनको बेस्ट सांसद का अवर्ड मिला।
  • 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
  • 25 दिसम्बर को राष्ट्रीय पति प्रणव मुखर्जी के  द्वारा निवास  स्थान पर दिया गया।और पहली बार अटल जी को राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल तोड़ कर घर जा कर सम्मान दिया।
  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अटल बिहारी को भारतीय राजनीति का भीष्म पितामह कहा जाता था।
  • अटल जी चार अलग अलग प्रदेशो उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश,दिल्ली से सांसद चुने।

और अटल जी को संगीत का बहुत शौक था।उनके पसंदीदा कलाकार लता मंगेश्कर ,मुकेश व मो रफी हैंऔर अटल जी ने आजीवन शादी न कण्व की प्रतिज्ञा ली थी जिसमे वे सफल रहे।पर उन्होंने दो लड़कियों को गोद लिया था।वे अपने सभी रिश्तेदारों से बहुत लगाव रखते थे।

93 वर्ष में हुआ निधन  (Death)-

इन महान नेता अटल बिहारी का निधन 16 अगस्त  2018 को दिल्ली के एम्स में हुई।पर डॉक्टरों के मुताबिक इनका निधन निमोनिया या बहु अंग विफलता के कारण हुई।

अटल बिहारी लम्बे समय तक बीमार रहे।और वे साल 2009 में स्ट्रोक का भी शिकार हो गए।जिसके कारण इनके सोचने समझने की शक्ति पर असर हुआ और ये धीरे -धीरे डिमेंशिया नामक बीमारी से ग्रसित हो गए।

निधन पर किये राजकीय शौक का ऐलान ( Government Announces Seven – Day morning)-

अटल बिहारी वाजपेयी की मृत्यु के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा पूरे देश में सात दिन की राजकीय शौक की घोषणा की गईं। साथ में ही केन्द्र सरकार के कार्यालय में काम करने वाले लोगों को आधे दिन का अवकाश दिया गया। ताकि वे अटल जी श्राद्धजली दे सके।

इसके अलावा और भी कई राज राजकीय शौक की घोषणा की और साथ ही स्कूल तथा दफ्तर भी बंद कर दिए गए थे।जो हिमाचल की सरकार थी वह दो दिन के अवकाश का एलान किया।

दोस्तों अब आप अभी को इस पोस्ट को पढ़ कर अटल जी के बारे में पता चल गया होगा।

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Pankaj Yadav
Pankaj Yadavhttp://hinditarget.com
नमस्कार दोस्तों  ! मै Pankaj Yadav , HindiTarget.com का Owner | मै एक Web Developer हूँ | मै इस ब्लॉग के माध्यम से नयी नयी जानकारियां लाता रहता हूँ। कृपया आप हमे SUPPORT करे ताकि हम आपसे इसी तरह जुड़े रहें।

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