19 मार्च 2025 – नासा की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर ने 9 महीने तक अंतरिक्ष में फंसे रहने के बाद आखिरकार 19 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक पृथ्वी पर वापसी कर ली। इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिनमें भोजन, पानी और मेंटेनेंस से जुड़ी समस्याएं भी शामिल थीं।
कैसे फंसीं सुनीता विलियम्स?
सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे। यह मिशन केवल 8 दिन का था, लेकिन तकनीकी खराबियों के चलते उन्हें 268 दिन यानी लगभग 9 महीने अंतरिक्ष में ही रहना पड़ा।
स्टारलाइनर में थ्रस्टर फेलियर, प्रोपल्शन लीक और कंप्यूटर सिस्टम में गड़बड़ियों के कारण इसे वापस लाना असंभव हो गया। इस वजह से नासा को उनकी वापसी के लिए नई योजना बनानी पड़ी।
स्पेस में खाने-पीने की दिक्कतें
ISS में मौजूद फूड सप्लाई को केवल कुछ महीनों तक चलने के हिसाब से रखा जाता है, लेकिन जब सुनीता और बुच को लंबे समय तक वहीं रहना पड़ा तो खाने-पीने की समस्या गंभीर हो गई।
- फूड सप्लाई की कमी:
– ISS पर सीमित मात्रा में फ्रीज-ड्राइड फूड (सूखा खाना) उपलब्ध था।
– भोजन को पानी में मिलाकर खाने की जरूरत होती थी, लेकिन पानी की बचत करनी पड़ी।
– प्रोटीन और न्यूट्रिशन की कमी होने लगी, जिससे दोनों को कमजोरी महसूस होने लगी। - पानी की समस्या:
– ISS पर पानी को फिल्टर और रिसाइकल किया जाता है, लेकिन यह सीमित मात्रा में उपलब्ध था।
– पानी की बचत के लिए उन्हें कम मात्रा में ही पानी पीना पड़ा। - ऑक्सीजन और मेंटेनेंस:
– ISS में ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई थी, लेकिन लंबे समय तक रहने के कारण सिस्टम की मेंटेनेंस चुनौती बन गई।
– किसी भी खराबी को तुरंत ठीक करना जरूरी था, जिससे दोनों को ज्यादा वर्कलोड झेलना पड़ा।
कैसे हुई वापसी?
नासा ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए स्पेसएक्स क्रू-10 मिशन को भेजने का फैसला किया। यह मिशन 12 मार्च 2025 को लॉन्च किया गया और 19 मार्च 2025 को विलियम्स और विल्मोर सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए।
सुनीता विलियम्स की सफल वापसी पर हरियाणा विधानसभा ने बधाई दी। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नासा और उनकी टीम को विशेष संदेश भेजा।
सुनीता विलियम्स का ऐतिहासिक रिकॉर्ड
- अंतरिक्ष में कुल 608 दिन बिताकर महिलाओं में नया रिकॉर्ड बनाया।
- 9 स्पेसवॉक में कुल 62 घंटे गुजारे।
- ISS में फंसे रहने का सबसे लंबा मिशन पूरा किया।
भविष्य के लिए सबक
इस मिशन ने दिखाया कि अंतरिक्ष यात्रा आज भी जोखिम भरी है। बोइंग स्टारलाइनर की विफलता ने भविष्य में अंतरिक्ष यान सुरक्षा सुधारने की जरूरत को उजागर किया है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां अब और सुरक्षित तथा विश्वसनीय स्पेसक्राफ्ट टेक्नोलॉजी विकसित करने पर ध्यान देंगी।