साक्षी मलिक जीवन परिचय(Sakshi Malik biography in hindi)-

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साक्षी मलिक  जीवन परिचय-

साक्षी मलिक जीवन परिचय(Sakshi Malik biography in hindi)-

 दोस्तों क्या आप सभी जानते हो कि साक्षी मलिक कौंन हैं। 

साक्षी मलिक एक ऐसी लड़की हैं जिनसे 2016 में रियो ओलपिंक में भारत का नाम ऊंचा किया। साक्षी मलिक ने भारत को पहला रियो ओलपिंक ब्रोज़ मैडल दिलाया था। आपको  बता दे कि साक्षी एक फ्रीस्टाइल रेसलर है जिन्होंने 58 Kg केटेगरी में ब्रिज मैडल जीत है। ऐसे ही साक्षी भारत की पहली रेसलर बनी। जिन्होंने ओलपिंक में मैडल जीता,और वैसे तो भारत की पहली महिला है जो ओलपिंक में मैडल जीता।

इसके पहले हरियाणा की जो साक्षी है वो 2014 और 2015 में में भी मैडल जीत चुकी हैं। साक्षी महान रेसलर गीत फोगट को अपने जीवन मे का आदर्श माना, और वे हमेशा उन्ही के कदम चलती आ रही हैं।

साक्षी मलिक का जीवन परिचय-

      जीवन परिचय बिंदु    साक्षी मलिक जीवन परिचय
      पूरा नाम           साक्षी मलिक 
          जन्म    3 सितम्बर 1992
    जन्म स्थान       मोखरा गाँव, रोहतक जिला ,हरियाणा
        माता       सुदेश मलिक 
      पिता       सुखवीर मलिक 
        भाई     सचिन मलिक 
        कोच   ईश्वर  दाहिया
        प्रोफेशन  फ्रीस्टाइल रेसलिंग
    हाईट      162cm
        वजन
       रेसलिंग केटेगरी
      64 kg
       58kg

साक्षी मलिक का जन्म 3 सितम्बर 1992 में मोखरा गांव, रोहतक जिला, हरियाणा में हुआ था। इनके पिता का सुखवीर मलिक है ,जो दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन में कंडक्टर हैं। इनकी माता का नाम सुदेश मलिक हैं जो आंगनबाड़ी में काम करती हैं।साक्षी को बचपन से ही रेसलिंग का शौक़ था, और जो साक्षी के दादा बध्लू राम भी एक रेसलर थे। अपने दादा को देखकर ही साक्षी के मन रेसलिंग की बात आई थी।

और साक्षी ने अपने पढ़ाई रोहतक के वैश्य पब्लिक स्कूल से की थी, और इसके बाद DVA पब्लिक स्कूल भी गई।इसने अपनी कॉलेज पढ़ाई रोहतक के मह्रिषी दयानंद यूनिवर्सिटी से की।

और आपको बता दे कि साक्षी ने अपनी 12 साल की 

उम्र में ही रेसलिंग की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी,और इनके कोच दाहिया थे। साक्षी ने अपनी प्रेक्टिस रोहतक   अखारा में स्थित छोटू राम स्स्टेडियमपर शुरू की। साक्षी के ट्रेनिंग के दौरान उनको बहुत चुनोतियो का सामना करना पड़ा।उनको से यह बोलते थे यह खेल लड़कियों के लिए नही है,और वहां के लोग साक्षी जे कोच का भी विरोध करते थे।क्योंकि वो साक्षी को अपने अंडर में ट्रेनिंग दे रहे थे। इस सभी के बाद भी साक्षी के परिवार वाले उनके साथ खड़े रहे और उनको पूरा सापोर्ट दिया।

लेकिन साक्षी की माँ साक्षी की एथलीट बनाना चाहती थी क्योंकि उनके हिसाब से यह खेल उनके लिए पुरुषों का था। जिसको लड़कियां नही खेल सकती हैं। एक दिन गर्मियों में साक्षी को लेकर छोटू राम स्टेडियम गई ,और वहां वे चाहती थी कि साक्षी कुछ फिजिकल एक्टिविटी करे।

लेकिन साक्षी ने वहां पर कुश्ती के चुना और वहः उनके गुण सीखने लगी। पहले तो उनकी।मां इससे खुश नही थी पर बेटी के खुशी के लिए वो भी मान गई।

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साक्षी मलिक करियर(sakshi malik career history)-

साक्षी मलिक ने अपनी 12 साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू की और कई इवेंट में हिस्सा ले कर सफल रही।साक्षी ने अंतरराष्ट्रीय तौर पर अपना पहला खेल 2010 में जूनियर वर्ल्ड चेम्पियनशिप में खेला था, और यहां उन्होंने 58 kg केटेगरी में ब्रोज़ मैडल जीता।

साक्षी की पहचान 2014 में अंतर्राष्टीय तौर पर मिली,जब साक्षी ने डेव इंटरनेशनल रेजलिंग टूर्नामेंट में 60 kg  केटेगरी गोल्ड मैडल जीता।

 साक्षी ने 2014 मे ग्लॉसगो कॉमनवेल्थ गेम्स में क्वार्टर फाइनल जीता, और फिर इसके बाद सेमीफाइनल में कनेडा से 3-1 से जीती।साक्षी का फाइनल मैच नाइजीरिया की एमिनेट से था,जिसे वे हार गई इसलिए यहां इनको सिल्वर मैडल मिला।

इसके बाद ताशकेंट में वर्ल्ड सितंबर 2014 में चेम्पियनशिप मुकाबला हुआ, सुर यहां पर साक्षी क्वार्टरफाइनल से बाहर जो गई।लेकिन साक्षी अपने 

सामने वाली टीम से 16 राउंड तक लड़ती रही।

और फिर से 2015 में दोहा में चेम्पियनशिप हुई।इसमे 602kg के 5 राउंड मलिक में हुई थी।

2015 में दोहा चेम्पियनशिप हुई,इसमें 60kg में 5 राउंड हुई,यहां साक्षी ने 2 राउंड जीत कर तीसरा नंबर हासिल किया था और ब्रोज़ मेडल को जीता।

2016 में रियो ओलंपिक (Rio Olympics 2016)-

रियो ओलंपिक में जाने के लिए साक्षीब को मई 2016 में इंस्ताबुल में वर्ल्ड  ओलम्पिक क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भाग लेना पड़ा।यहाँ उन्होंने चाइना की जहांग लेन को हरा कर रियो ओलंपिक में उन्होंने अपने जाने के रास्ते खोल दिये। स्वीडन के खिलाफ उन्होंने सबसे पहले मैच जीता ,इसके बाद माल्दोवा के खिलाफ मैच जीता ।इसके बाद किर्गिस्तान Aisuluu Tynybekova के साथ मैच में साक्षी 5-8 से हार गई,और उनजो ब्रोज़ मैडल मिला,और इसी प्रकार साक्षी ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली महिला बनी।

साक्षी मलिक को मिले पुस्कार-

  • साक्षी को भारतीय रेलवे की तरह से 3.5 करोड़ की राशि देने की घोषणा की गई।
  • साक्षी को हरियाणा राज्य की तरफ से नगद राशि 2.5 करोड़ पेश की गई।
  • उत्तरप्रदेश की तरफ से भी 25 लाख नगद दिए गए।
  • रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से उत्तरप्रदेश की तरफ से साक्षी को सम्मानित किया गया।
  • और इसके अलावा भी इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन के द्वारा भी पुरस्कार की घोषणा की गई।
  • साक्षी नार्थ रेलवे ज़ोन में कमर्शियल डिपार्टमेंट में कार्यरत है।रियों में ब्रोज़ मैडल जीतने के बाद उनक प्रमोशन हो गया, और वे राजपत्रित पद के लिए वरिष्ठ अधिकारी बन गई।

रियो ओलंपिक में भारत देश की लड़कियों का पंचम बोल रहा है। साक्षी के अलावा भी दीपा कर्मकार ने भी भारत का नाम ऊंचा किया।जिन्होंने ओलपिंक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। फिर इसके बाद तीसरी लड़की पीवी सिंधु ने भी भारत का नाम ऊँचा किया।

और आपको बता दे कि  19 अगस्त 2016 में हुए बैडमिंटन फाइनल ने सिंधु ने अपने जान लगा दी लेकिन वे क्रिस्टन से हार गई।सिंधु को सिल्वर मैडल मिला।जो इस ओलम्पिक का सिल्वर मैडल है।

ओलम्पिक में लड़कियों की लगातार जीत से भारत देश को सही सन्देश मिलता है। कि वे बेटी पढ़ाए और आगे बढ़ाए इन्हों से हमारा कल है।

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Neha Yadav
Neha Yadav
यह लेख Hindi Target की लेखिका NEHA YADAV के द्वारा लिखा गया है | यदि आपको लेख पसंद आया हो तो Hindi Target Team आप से उम्मीद रखती है कि आप इस लेख को ज्यादा से ज्यादा Share करेंगे | धन्यवाद !

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