नई दिल्ली: माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिससे अब यह विधेयक कानून बन गया है। यह कानून वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों को और अधिक पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ बोर्ड की कार्यशैली में सुधार होगा और संपत्ति से जुड़ी गड़बड़ियों पर रोक लगेगी।
क्या है वक्फ संशोधन कानून?
इस कानून के तहत कुछ अहम बदलाव किए गए हैं:
- वक्फ संपत्ति की पहचान और रिकॉर्ड में पारदर्शिता:
अब वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जाएगा ताकि किसी भी तरह की हेराफेरी को रोका जा सके। - विवादित संपत्तियों पर रोक:
कोई भी संपत्ति जिसे लेकर कोर्ट में विवाद चल रहा है, उसे वक्फ घोषित नहीं किया जा सकेगा। - स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ेगी:
नए प्रावधानों में यह शामिल किया गया है कि किसी इलाके की संपत्ति को वक्फ घोषित करने से पहले स्थानीय लोगों की राय ली जाएगी। - शिकायतों की जांच के लिए स्वतंत्र समिति:
वक्फ बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए एक स्वतंत्र जांच समिति का गठन होगा, जो किसी भी शिकायत की निष्पक्ष जांच करेगी। - धार्मिक स्वतंत्रता का संरक्षण:
इस कानून में यह सुनिश्चित किया गया है कि किसी भी धार्मिक स्थल की स्थिति को बिना पुख्ता आधार के वक्फ संपत्ति नहीं घोषित किया जा सकेगा।
संसद में क्या हुआ? कैसी रही वोटिंग?
इस विधेयक को लोकसभा में 28 मार्च 2025 को पेश किया गया था। चर्चा के बाद इसे 31 मार्च को पारित किया गया।
लोकसभा में वोटिंग का नतीजा:
- समर्थन में: 278 वोट
- विरोध में: 84 वोट
- अनुपस्थित: 41 सदस्य
इसके बाद यह विधेयक राज्यसभा में 3 अप्रैल को रखा गया और वहाँ भी बहुमत से पास हुआ।
राज्यसभा में वोटिंग का नतीजा:
- समर्थन में: 142 वोट
- विरोध में: 61 वोट
- अनुपस्थित: 12 सदस्य
विपक्ष की क्या राय रही?
विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इससे कुछ समुदायों को निशाना बनाया जा सकता है। कुछ दलों ने यह भी मांग की कि पहले इस पर व्यापक बहस और राज्यों से सलाह होनी चाहिए थी।
आगे क्या?
अब इस कानून के लागू होने के बाद केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर नए नियम बनाएंगी ताकि कानून को ज़मीन पर उतारा जा सके। इसके अलावा वक्फ बोर्डों को डिजिटल पोर्टल के ज़रिए जवाबदेह बनाया जाएगा