बाराबंकी – उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक लोधेश्वर महादेव मंदिर के पुनर्विकास के लिए बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इस पवित्र स्थल को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर भव्य बनाने की योजना बनाई गई है। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए बजट बढ़ाकर ₹200 करोड़ कर दिया है।
लोधेश्वर महादेव मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
बाराबंकी जिले के रामनगर में स्थित लोधेश्वर महादेव मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व बहुत गहरा है। माना जाता है कि यह प्राचीन शिवलिंग त्रेतायुग से संबंधित है और इसका संबंध भगवान श्रीराम से भी जोड़ा जाता है। शिवरात्रि और श्रावण मास के दौरान लाखों श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने आते हैं।
कॉरिडोर निर्माण का उद्देश्य और योजना
सरकार ने इस मंदिर को न केवल एक धार्मिक केंद्र बल्कि एक आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के अंतर्गत मंदिर परिसर का विस्तार, चौड़ी सड़कों का निर्माण, भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।
कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:
✔️ मंदिर के चारों ओर 4.7 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
✔️ 3300 मीटर लंबी नई सड़क का निर्माण
✔️ डामरीकरण और सौंदर्यीकरण कार्य
✔️ श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल और अन्य सुविधाएं
✔️ धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट?
सरकार की योजना है कि 2025 तक इस परियोजना को पूर्ण कर दिया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने और उच्च गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय जनता और श्रद्धालुओं में खुशी
इस ऐतिहासिक फैसले से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में उत्साह है। लोगों का मानना है कि यह परियोजना बाराबंकी जिले को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान
योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश के धार्मिक स्थलों को उनकी प्राचीन भव्यता लौटाने और श्रद्धालुओं को सर्वोत्तम सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लोधेश्वर महादेव कॉरिडोर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही, एक ऐतिहासिक धरोहर बनेगा।
लोधेश्वर महादेव कॉरिडोर न केवल बाराबंकी बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना होगी। यह धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक धरोहर और आधुनिक विकास का संगम होगा, जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी लाभ मिलेगा।
हर-हर महादेव!