पीएम मोदी ने भारतीय नौसेना को तीन नए युद्धपोत समर्पित किए: INS सूरत, INS नीलगिरी और INS वाघशीर

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के नेवी डॉकयार्ड में भारतीय नौसेना के तीन अत्याधुनिक युद्धपोत – INS सूरत, INS नीलगिरी, और INS वाघशीर – को राष्ट्र को समर्पित किया। इन युद्धपोतों को भारत के आत्मनिर्भर रक्षा निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने इसे भारत की समुद्री सुरक्षा और सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने वाला ऐतिहासिक कदम बताया।

तीन युद्धपोतों की खासियत:

  1. INS सूरत:
    • यह भारत में डिजाइन और निर्मित प्रोजेक्ट 15B के तहत चौथा युद्धपोत है।
    • INS सूरत सतह और वायु खतरों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
    • इसकी रफ्तार और ताकत इसे दुश्मन के खिलाफ बेहद प्रभावी बनाती है।
    • इसे मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) ने बनाया है।
  2. INS नीलगिरी:
    • प्रोजेक्ट 17A के तहत बनाया गया यह पहला स्टील्थ फ्रिगेट है।
    • यह दुश्मनों की निगाहों से बचने और गुप्त अभियानों को अंजाम देने के लिए स्टील्थ तकनीक से लैस है।
    • इसमें लंबी दूरी के हथियार और सेंसर लगे हैं, जो इसे आधुनिक युद्ध में बेहद कारगर बनाते हैं।
  3. INS वाघशीर:
    • यह स्कॉर्पीन श्रेणी की छठी और अंतिम पनडुब्बी है, जिसे भारत में मझगांव डॉक द्वारा बनाया गया है।
    • पनडुब्बी में टॉरपीडो, मिसाइल और खदान बिछाने की क्षमताएं हैं।
    • यह दुश्मन के पानी के अंदर और सतह पर मौजूद ठिकानों पर सटीक हमला करने में सक्षम है।
    • इसकी सबसे बड़ी ताकत है कि यह बिना पकड़े लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती है।

पीएम मोदी का संबोधन:

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा:

  • “ये तीन युद्धपोत भारत की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।”
  • “हमारी नौसेना सिर्फ देश की सीमाओं की रक्षा नहीं करती, बल्कि संकट के समय दुनिया में मदद के लिए भी खड़ी रहती है।”
  • उन्होंने भारतीय नौसेना के समुद्री बचाव अभियानों और प्राकृतिक आपदाओं में निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की।

भारत की सामरिक ताकत को बढ़ावा:

  • यह कदम भारतीय महासागरों में भारत की रणनीतिक ताकत को बढ़ाएगा।
  • मेक इन इंडिया अभियान के तहत निर्मित इन युद्धपोतों ने भारत को दुनिया के अग्रणी नौसैनिक बलों में खड़ा किया है।
  • इनसे भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और व्यापार मार्गों की निगरानी और भी मजबूत होगी।

अंतरराष्ट्रीय संबंध:

गणतंत्र दिवस पर आए विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ इन युद्धपोतों का प्रदर्शन भारत की तकनीकी और सामरिक प्रगति का परिचय देगा।

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